Pooja Gupta

Tragedy

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Pooja Gupta

Tragedy

गुजर

गुजर

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समय गुजर तो रहा हैं लेकिन ना जाने, 

कितने अपनों को साथ लेके गुजरेगा। 


वक्त तो किसी न किसी तरह गुजर जाएगा लेकिन,

उनका क्या जो इस वक्त के साथ गुजर रहे है। 


मुश्किल समय तो गुजर ही जाएगा

पर ये मुश्किल कब गुजरेगी क्या तब गुजरेगी?

 जब कईयों को अपने साथ गुजरते हुये देखेगी।


ये कैसा समय हैं, सही सलामत इंसान 

भी सिर्फ दो चार दिन का मेहमान है। 

कई गाड़ियां गुजरती है यहाँ से 

जिन पर कुछ गुजरे हुये लोग होते है। 


एक कारवां गुजर रहा है मेरे मोहल्ले से 

जो जा रहा है उस मणिकर्णिका पर 

जहाँ पहले से कुछ गुजरे हुये लोग हैं। 


क्या गुजरे वक्त को भुला देना आसान है ? 

क्या गुजरे पल और इंसान भुला देना आसान है ?

नहीं ना क्योंकि गुजरा वक्त कभी लौटकर नहीं आता है।


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