अदृश्य शत्रु (कोरोना)
अदृश्य शत्रु (कोरोना)


भयावह दृश्य है
शत्रु ये अदृश्य है
बेख़ौफ़ थी ये ज़िन्दगी
अब ख़ौफ यूं मंडरा रहा
प्रकृति के प्रकोप से
मनुष्य अब घबरा रहा
मनुष्य तू निडर था
देख! कौन अब डरा रहा
ज़िन्दगी की दौड़ में
कौन अब ठहरा रहा
शत्रु ये विशेष है
जंग अभी शेष है
सफलता की रहा में
विफलता भी विशेष है
भूल मत तू कौन है
प्रत्यक्ष या प्रमाण है
प्रमाणता को सिद्ध कर
यह तेरी पहचान है।