मोहब्बत का एहसास
मोहब्बत का एहसास
तेरे ही हुस्न के दीदार से निखर गया कोई,
ख़ुशबू बन महफ़िल में बिखर गया कोई।
आज हवा में लहराता रहा आँचल तेरा,
लहराता आँचल सर से गुज़र गया कोई।
मौसम-ए-इश्क़ में वादा तो सब करते है,
अपनी ही बात से आज मुकर गया कोई।
अपने परायों की उलझन में फँसा था मैं तो,
जहां में अपना ही पराया कर गया कोई।
"पागल" इश्क़ तो ज़िन्दगी ही बदल देता है,
बेवफ़ा के इश्क़ में जीते जी मर गया कोई।

