एक तरफ़ा इश्क़
एक तरफ़ा इश्क़
एक तरफा इश्क़..
स्वाति नक्षत्र की उस बूंद की तरह है,
जो सीप में गिरते गिरते रह गयी ,
वरना मोती हो भी सकती थी..!
एक तरफा इश्क़..
अश्क़ के उस बूँद की तरह है..
जिसे लोगों ने खारा पानी समझ लिया,
वरना विरह के आँसू हो भी सकती थी..!
एक तरफा इश्क़..
उस अन छिड़े राग की तरह है,
जिन्हें वो बेसुरी धुन बना बैठे,
वरना प्रेम के मधुर अशआर हो भी सकती थी..!
ये एक तरफा इश्क़..
उस इज़हार की तरह है ..
जिसे वो अठखेली समझ बैठे,
वरना मुक़म्मल इश्क़ किंचित हो भी सकती थी..!