ये एक तरफा इश्क़.. उस इज़हार की तरह है .. जिसे वो अठखेली समझ बैठे।।। ये एक तरफा इश्क़.. उस इज़हार की तरह है .. जिसे वो अठखेली समझ बैठे।।।
मैं बिरहन अकेली बैठी तुम्हें स्वाति नक्षत्र की बूंद ही बनना था ? मैं बिरहन अकेली बैठी तुम्हें स्वाति नक्षत्र की बूंद ही बनना था ?
ढूंढ़ा नहीं कहीं कहीं खड़ी थी तुम मिलें वहीं ढूंढ़ा नहीं कहीं कहीं खड़ी थी तुम मिलें वहीं