एक सुनहरा कल...
एक सुनहरा कल...
सूरज जैसा बनना है तो
सूरज जैसा जलना होगा
चाह अगर शिखर की है तो
संघर्ष के पथ पर चलना होगा।
तपना होगा लोहे जैसा
सोने जैसा निखरना होगा
कर्म अगर सच है तेरा
तभी लक्ष्य में सफल होगा।।
कठिनाइयां भी राह में होंगी
भ्रम का जाल भी फैला होगा
पग पग पर शूल चुभेंगे
क्यों सोचे राह सरल होगा?
तूफानों का साया होगा
राह बड़ा विकट घना होगा
अंधियारों में ज्ञान ज्योति से
जगमग पथ को करना होगा।।
जीत की पताका लहराने को
हर बाधा को पार करना होगा
सूरज जैसा बनना है तो
अंगारों पर भी चलना होगा।
बढ़ते जाना मत घबराना
हर संकट का यहां हल होगा
कुछ पाने की चाह हो मन में
संघर्ष तेरा जरूर सफल होगा।।
भीड़ भरी इस दुनियां में
नाम तेरा भी कल होगा
बुलंदियों में चमकेगा सितारा
यही तेरी मेहनत का फल होगा।
संघर्ष,दृढ़ता और अनुशासन
जब पल पल तेरे संग होगा
असफलताओं से आगे बढ़ कर
एक सुनहरा तेरा कल होगा।।
