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Robin Jain

Action Inspirational

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Robin Jain

Action Inspirational

एक सलाम देश के सैनिकों के नाम

एक सलाम देश के सैनिकों के नाम

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ज़रा वक्त मिला है, दो पल का माँ

एक खत तेरे नाम लिख देता हूँ

कैसे कटती मेरी सुबह और रातें

ज़रा हाल ए ये शाम लिख देता हूँ...


तूने सिखलाया वो ही करता,

काम दूजा ना करता माँ

तेरे क़दमों को छोड़ जो आया

बस भारत की पूजा करता, माँ...


सरहद पर उन अंगारों से

जब भी पीड़ा होती है,

कवच बन छाती खुश होती

आँखें चैन से सोती हैं...


रातों के सपने, देश के होते

खौफ नहीं किसी दंगे का

नस नस मेरी रंगी हुई है

रंग हो जैसे तिरंगे का...


सौंप दिया है खुद को, देश को

ये सरहद लाल कर जाऊँगा,

खुद का हो या हो शत्रु का

मैं इतना रक्त बहाऊँगा...


माँ तुझसे जो किया है वादा

उसको पूरा निभाऊँगा,

और गर जो चूक हुई

मैं जीते जी मर जाऊँगा...


गर्व बड़ा होता देखकर

घाव जितने तन में हैं,

पीड़ा जो है, बतलाता हूँ

एक बात ज़रा सी मन में है...!


देश व्याकुल है, सुना है ऐसा

ग़रीबी और भ्रष्टाचारों से,

दीमक जो लकड़ी को खाए

देश तड़पे गद्दारों से...


खुद ही खुद को नष्ट किया तो

धरती नष्ट हो जाएगी,

सुरक्षा करते सैनिक के तन

और सीमा ही रह जाएगी...


चाहे पत्थरों से ही कर लो

सैनिकों का सम्मान,

पर खोखला करके देश का अपने

मत करो अपमान...


कोई बात नहीं, जो दे सको ना

हम को तुम सम्मान,

52 क्षण बस खड़े हो जाओ

सुनो जब भी राष्ट्रगान...


हिंदू-मुस्लिम क्या है बोलो ?

' वन्दे मातरम् ' है, धर्म का नाम

खुशी से जिओ और खुशी को बाँटो

यही धर्म का काम...


माँ, बस इतना सा संदेशा

देशवासियों से कह देना,

तिरंगे में जब लिपटा आऊँ

गर्व कर,दर्द को सह लेना...


कुर्बानी को हमारी जब

कोई दे सके सम्मान,

देश के एक सैनिक को वो

होगा, सच्चा सलाम....।।


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