Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Robin Jain

Others

5.0  

Robin Jain

Others

रावण

रावण

1 min
563


प्रवाहित शरीर ब्रह्म रक्त

सशक्त बाहुबल शिव भक्त

लंका पर निज राज़

शीश स्वर्ण का ताज।


दशानन भय सब ओर

भयग्रसित देखे किस ओर

शक्ति प्रबल प्रचंड

रावण मन धरे घमंड।


भगिनी खंडित नासिका

रावण मन उग्र क्रोध

खंडित विवेक और ज्ञान

खंडित रावण बोध।


सीताहरण की भूल

सम्मान में मिश्रित धूल

अंधेपन में ले प्रतिशोध

बैठा यम की गोद।


धीर वीर से राजा राम

हाथ धनु रख तरकश बाण

नल नील, सेतु निर्माण

धरती कांपे राक्षस हांफे

देख वानर रीछ लखन हनुमान।


निज हानि अस्वीकार है किंचित

सर हाथ धरे रावण है चिंतित

सब प्रियजन का युद्ध प्रस्थान

पुत्र और भाई सारे बलिदान।


अंत समय में जागी बुद्धि

राम नाम ले मन की शुद्धि

मन ही मन करता प्रणाम

राम स्वयं नारायण भगवान।


तन कवच हाथ तलवार

मुख पर युद्ध गुहार

मृत्यु तिलक लगाकर मस्तक 

रावण है तैयार।


मृत क्रोध लोभ मोह काम

मृत जीवन इक्षा, मृत शान

मृत मेरा परिवार

मृत मेरा संसार

मोक्ष दीजो मुझको भी राम

रावण मन करे पुकार।


मुक्ति दान रावण को बांटे

इकतीस बाण राम धनु छोड़े

बीस भुजा दस शीश को काटे

एक बाण अमृतकलश फोड़े।


रथ से गिरकर रावण ले नाम

कहकर मरता, जय श्री राम।


Rate this content
Log in