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Robin Jain

Romance

5.0  

Robin Jain

Romance

फिलहाल तेरा ये आना...

फिलहाल तेरा ये आना...

1 min
572


नयन बंद करता हूं तो 

तेरी छवि दिखाई देती है

फिर उठकर जब मै होश में आऊ

आंखे लालायित होती हैं

तेरा ये प्रतिबिंब मुझे 

जाने हर पल ही ठगता है

फिलहाल तेरा ये आना

ख्वाबों में अच्छा ना लगता है


स्वर्गलोक की बाला सी

आंखों का नूर बन जाती है

पास तेरे जो आना चाहूं

तू दूर हो जाती है

खेल ये आंख मिचौली

मुझको बचकाना लगता है

फिलहाल तेरा ये आना

ख्वाबों में अच्छा ना लगता है।


केश रात से काले हैं

तन हो जैसे सोने का

तू ख्वाब कोई है सच्चा सा

या बस भ्रम है तेरे होने का

टूटकर बिखर जाने वाला

ख्वाब सच्चा ना लगता है

फिलहाल तेरा ये आना

ख्वाबों में अच्छा ना लगता है


कुछ कहूं तो सुन ना पाए

छूना चाहूं गायब हो जाए

है रुआब तेरा कोई रानी का

कैसे बन जाए किस्सा तू

मेरी प्रेम कहानी का

किरदार तेरा ये ऐसा

मुझको झूठा सा लगता है

फिलहाल तेरा ये आना

ख्वाबों में अच्छा ना लगता है


तेरी यादों की थैली

क्या ज़हन में जरूरी थी

देख देख कर तुझको यूं

नींदें कबसे अधूरी थी

मिलना मुझको वहां कभी

जहां ये आशिक जगता है

फिलहाल तेरा ये आना

ख्वाबों में अच्छा ना लगता है।


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