फिलहाल तेरा ये आना...
फिलहाल तेरा ये आना...
नयन बंद करता हूं तो
तेरी छवि दिखाई देती है
फिर उठकर जब मै होश में आऊ
आंखे लालायित होती हैं
तेरा ये प्रतिबिंब मुझे
जाने हर पल ही ठगता है
फिलहाल तेरा ये आना
ख्वाबों में अच्छा ना लगता है
स्वर्गलोक की बाला सी
आंखों का नूर बन जाती है
पास तेरे जो आना चाहूं
तू दूर हो जाती है
खेल ये आंख मिचौली
मुझको बचकाना लगता है
फिलहाल तेरा ये आना
ख्वाबों में अच्छा ना लगता है।
केश रात से काले हैं
तन हो जैसे सोने का
तू ख्वाब कोई है सच्चा सा
या बस भ्रम है तेरे होने का
टूटकर बिखर जाने वाला
ख्वाब सच्चा ना लगता है
फिलहाल तेरा ये आना
ख्वाबों में अच्छा ना लगता है
कुछ कहूं तो सुन ना पाए
छूना चाहूं गायब हो जाए
है रुआब तेरा कोई रानी का
कैसे बन जाए किस्सा तू
मेरी प्रेम कहानी का
किरदार तेरा ये ऐसा
मुझको झूठा सा लगता है
फिलहाल तेरा ये आना
ख्वाबों में अच्छा ना लगता है
तेरी यादों की थैली
क्या ज़हन में जरूरी थी
देख देख कर तुझको यूं
नींदें कबसे अधूरी थी
मिलना मुझको वहां कभी
जहां ये आशिक जगता है
फिलहाल तेरा ये आना
ख्वाबों में अच्छा ना लगता है।