एक शख्स चाहिए
एक शख्स चाहिए
मैं सारी रात सपनो के मंदिर में बैठी रहती हूं,
एक शख्स को खुद का खुदा करके।
वो मुझसे ऐसे नाराज रहता है,
जैसे बारिश आती और जाती है बस एक हवा करके।
यकीनन मुझे खुश रहना चाहिए उससे बिछड़कर,
पर देखो मैं हर रोज रो रही हूं उसे मुझसे जुदा करके।