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Sweta Mahi

Abstract

3.5  

Sweta Mahi

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मेरा शराबी यार

मेरा शराबी यार

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खुद को अकेले पाया जब लोग दो चार आए,

पर उस महफिल से कैसे दूर जाऊं

जिस महफिल में मेरा यार आए।।

हुस्न के नशे में धुत,

वो छलका रहा है जाम आंखो से।

मै भी गले से लगा लूं

अगर उसे मुझ पर प्यार आए।।।


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