वो गैरों को चाहता है
वो गैरों को चाहता है
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मेरे साथ चलता है किसी और के निशां ढूंढता है।
सब यहां पर्दे में है तू किसको बेरीदां ढूंढ़ता है।
दिखलाता है ऐसे, जैसे तेरे तवस्सुद से वाक्किफ नहीं मैं।
तू मुझे अपना बनाना छोड़, गैरों को यहां-वहां ढूंढ़ता है।।।