एक राजकुमारी
एक राजकुमारी
एक बार की बात है.....
घर में जन्मी बिटिया प्यारी
जो बन गई पापा के दिल का टुकड़ा,
माँ की बन गई राजकुमारी
दिन दूनी रात चोगनी चंद्रमा सी बढ़ रही थी।
सभी के दिलों की धड़कन वो बन गई थी।
पढ़ लिखकर था नाम कमाया
हंसी खुशी की थी महारानी।
फिर एक राजकुमार है आया,
माँ पापा को पराया बनाया।
पर अपना उसको बना न पाया,
सिर्फ पैसो से प्यार जताया।
खड़ी रही वो, अड़ी रही वो,
सम्मान की खातिर खूब लड़ी वो।
फिर उसने एक मिसाल बनाई,
दहेज के लोभी राजकुमार को
भेजकर लोहे के पिंजरे में।
फिर से एक कहानी बनाई.....
