एक दीया प्यार का
एक दीया प्यार का
ले के हाथों में अपने हजारों दिए, चल पड़े सिरफिरे तो रुके ही नहीं ।
साथ आओ उन्हें है जरूरत बहुत, जो उजालों से अब तक मिले ही नहीं...।।
एक दीया प्यार का उन पलों के लिए, जिन पलों को उदासी ने' छोड़ा नहीं ।
दिल तो' टूटे कई बार लेकिन कभी, दिल किसी का किसी ने भी जोड़ा नहीं ।
कोशिशें आँसुओं ने बहुत की मगर, ख्वाब आँखों में जिंदा बचे ही नहीं....
साथ आओ उन्हें.........।।
सादगी ओढ़कर सो गई रात कल, दिन उदासी को पहने भटकता रहा ।
दो निवाले जुटाती रही जिंदगी, कारवाँ वक़्त का यूँ ही' चलता रहा ।
आंसुओं में पिघलती रही वादियाँ, फूल कल
ियों से आगे खिले ही नहीं....
साथ आओ उन्हें.........।।
एक दीया उन शहीदों के' खातिर भी' हो, जो वतन के लिए जाँ लुटाकर गये...
सो गए मौत की गोद में लेटकर, कर्ज मिट्टी का अपनी चुकाकर गये ।
माँ से वादा किया था कि आऊँगा घर, लौटकर माँ से लेकिन मिले ही नहीं...
साथ आओ उन्हें.।।
एक दीया उन अंधेरों की' जिद के लिए, जिनकी' खातिर कई बस्तियाँ जल गयीं ।
एक सागर खड़ा देखता रह गया, चंद लम्हों में' सौ कश्तियाँ जल गयीं ।
जल गए ख्वाहिशों के हजारों महल, बस अँधेरे थे जिद से हिले ही नहीं....
साथ आओ उन्हें है.....।।