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Vivek Mishra

Romance Tragedy Classics

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Vivek Mishra

Romance Tragedy Classics

एहसास

एहसास

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उसके न होने का एहसास बहुत देर तक रहा,
फिर उसका मलाल दिल पे, बहुत देर तक रहा।

ये दिल भी क्या करे, कुछ सूझा ही नहीं इसे ,
तेरे ख़याल का असर यूं बहुत देर तक रहा।

न जाने किस बात का उसको लग रहा था बुरा,
उसकी महफ़िल में ऐसा नहीं कि मैं बहुत देर तक रहा।

तेरी आँखों की नमी ने कुछ कहा ही नहीं था,
पर उस ख़ामोशी का असर बहुत देर तक रहा।

तू गया तो हर गली वीरान सी लगने लगी,
एक ग़ुबार सा रास्तों पे बहुत देर तक रहा।

दिल ने चाहा था तुझे खींच लूँ सांसों की तरह,
 एक ख्वाब ही था ये जेहन में बहुत देर तक रहा।

तेरे लफ़्ज़ों की महक आज भी रुला जाती है,
तेरे अल्फ़ाजो का जादू इस दिल बहुत देर तक रहा।

मोहब्बत तेरे बिना अधूरी रही यूँ ,
तेरी यादों का सफ़र दर ब दर बहुत देर तक रहा।

तेरे जाने के बाद भी दिल तेरा ही रहा,
तेरे नाम का असर हम पर बहुत देर तक रहा।


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