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Pankaj Prabhat

Drama Fantasy Inspirational

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Pankaj Prabhat

Drama Fantasy Inspirational

एहसास को जब...

एहसास को जब...

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एहसास को जब सियाही का रंग मिलता है,

हर शब्द से एक नया पंकज खिलता है,

लफ़्ज़ों में जब खुशी और गम ढलता है,

हर हर्फ़ फिर एक नए प्रभात सा लगता है।

हर शब्द से एक नया पंकज खिलता है,


गीतों में हर्ष मिला, कविताओं में रवानगी,

शेरों में दर्द घुला, किस्सों में आवारगी,

बात के अंदाज़ में जब, काफिये का रंग चढ़ता है,

हर रंग में फिर एक नया पंकज दिखता है।

हर शब्द से एक नया पंकज खिलता है,


आदतों में मौज़ है, और सीने में अदावतें,

आँखों में सोच है, और जीने में मोहब्बतें,,

साँसों के पास जब खुशबू का घेरा बनता  है,

उस खुशबू से रोम-रोम पंकज का महकता है।

हर शब्द से एक नया पंकज खिलता है,


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