ए जिंदगी देख मैं फिर जीत के आऊंगा
ए जिंदगी देख मैं फिर जीत के आऊंगा
हाँ, सच है,
गहराई नापूँगा,
अंधेरों से जूझूँगा।
थोड़ा लडूंगा खुद से,
अपने डर से,
अपनी कमज़ोरी से,
थोड़ा तो गिरूंगा।
मगर,
फिर तैर आऊंगा,
एक नई सांस,
एक नई आस,
नई राह खोजूंगा।
ऐ ज़िंदगी, तू देख,
मैं फिर जीत जाऊंगा,
हर हार से,
एक सबक सीखूंगा,
और निखर जाऊंगा।
ये लहरें, ये तूफान,
ये सब तो हैं बहाने,
मुझे तो बस बहना है,
अपनी मंज़िल तक,
मुस्कुरा कर जाना है।
