हे वसुधाप्रभु ! तुमको प्रणाम
हे वसुधाप्रभु ! तुमको प्रणाम
हे वसुधाप्रभु ! तुमको प्रणाम।
स्वास्थ्य-जीवन के तुम रक्षक,
समर्पित रहते हो आठों याम,
हे वसुधा प्रभु ! तुमको प्रणाम।
प्रभु को तो है देखा नहीं कभी,
बस कल्पना करते हैं सुबह-शाम।
मानव-मानवता हित में रत देखा है,
कर्त्तव्य भाव संग-बिन किए आराम।
हे वसुधाप्रभु ! तुमको प्रणाम।
स्वास्थ्य-जीवन के तुम रक्षक,
समर्पित रहते हो आठों याम,
हे वसुधा प्रभु ! तुमको प्रणाम।
आप बिन वर्ग भेद देते हैं सेवा,
कभी भेदभाव करते आप नहीं।
रोगी को जो भी होता है हितकर ,
करते हैं उचित तज लाख काम।
हे वसुधाप्रभु ! तुमको प्रणाम।
स्वास्थ्य-जीवन के तुम रक्षक,
समर्पित रहते हो आठों याम,
हे वसुधा प्रभु ! तुमको प्रणाम।
मानव का जीवन तो है अमोल,
औषधि के संग तव मधुर बोल।
पीयूष सदृश जिजीविषा
के हित,
करते बूटी-संजीवनी का काम।
हे वसुधाप्रभु !तुमको प्रणाम।
स्वास्थ्य-जीवन के तुम रक्षक,
समर्पित रहते हो आठों याम,
हे वसुधा प्रभु ! तुमको प्रणाम।
क्षत्रिय-धर्म निभाया कोविड वेला में,
निज प्राणों चिंता न कुछ भी मन में।
किया प्राणोत्सर्ग कई चिकित्सक वीरों ने,
नमन बलिदान को और कोटिक प्रणाम।
हे वसुधाप्रभु ! तुमको प्रणाम।
स्वास्थ्य-जीवन के तुम रक्षक,
समर्पित रहते हो आठों याम,
हे वसुधा प्रभु ! तुमको प्रणाम।
भारत रत्न वी सी राय की स्मृति में,
प्रथम जुलाई दिन तय तव स्तुति में।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के दिन पर,
सारे जीवनरक्षक डाक्टरों को प्रणाम।
हे वसुधाप्रभु ! तुमको प्रणाम।
स्वास्थ्य-जीवन के तुम रक्षक,
समर्पित रहते हो आठों याम,
हे वसुधा प्रभु ! तुमको प्रणाम।