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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Action Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Action Inspirational

ज्ञान बढ़ाते-खुशी लुटाते रहें

ज्ञान बढ़ाते-खुशी लुटाते रहें

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एक बूंद भर ही सीख पाते हैं हम

जब कि है ज्ञान का एक सागर अपार।

कण भर ही  देख पाते हम,

बड़ा विस्तृत है यह प्रभु का संसार।

ज्ञान अपना बढ़ाते रहें इस संसार में,

सुमन खुशियों के लुटाते रहें ,इस संसार में।

निज कल्पना के बल पर,

एक योजना शुभ बनानी पड़ेगी।

अहम का बिना भाव लाए,

शुरुआत जड़ से ही करनी पड़ेगी।

वांछित लक्ष्य को हासिल करने को,

सफलता पाएंगे हम सुंदर से विचार में।

ज्ञान अपना बढ़ाते रहे इस संसार में,

सुमन खुशियों के लुटाते रहें ,इस संसार में।


खास हर सीख जग में है होती,

किसी को छोटा कभी न समझना।

कण-कण मिलकर ही बन जाता पर्वत,

तुच्छ कुछ भी न जग में समझना।

मंजिल मिलती सदा सामूहिक प्रयास से,

साहिल मिलता है हमें पतवार में।

ज्ञान अपना बढ़ाते रहे इस संसार में,

सुमन खुशियों के लुटाते रहे, इस संसार में।


सफलता कभी और असफलता भी,

अक्सर जीवन में रहती हैं आती जाती।

अति प्रफुल्लित दुखित हों न कभी हम,

धूप - छांव से ग़म और खुशियां हैं आती।

हालात हर क्षण बदलते हैं रहते,

बस अनिश्चितता ही है नियत इस संसार में।

ज्ञान अपना बढ़ाते रहे इस संसार में,

सुमन खुशियों के लुटाते रहें ,इस संसार में।


एक बूंद भर ही सीख पाते हैं हम

जब कि है ज्ञान का एक सागर अपार।

कण भर ही  देख पाते हम,

बड़ा विस्तृत है  यह प्रभु का संसार।

ज्ञान अपना बढ़ाते रहें इस संसार में,

सुमन खुशियों के लुटाते रहें ,इस संसार में।


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