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सुरभि शर्मा

Abstract Tragedy Action

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सुरभि शर्मा

Abstract Tragedy Action

प्रश्नचिन्ह

प्रश्नचिन्ह

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बड़ी सहजता से लिख देते हैं लोग

घर से भागी लड़की,

कोई ये क्यों नहीं

कह पाता 

भगा के ले गया लड़का

उँगलियाँ उठा लड़की के

माता पिता को

सतर्क कर देते हैं

पिंजरे थोड़े और मजबूत बनाये

और कैद करिए 

अपने घर की बाकी लड़कियों को उसमें 

नहीं तो और कालिख पुत जाएगी 

आपके मुख पर 

और शायद गले को 

फंदा रास आ जाए, 

कोई ये क्यों 

नहीं कह पाता 

कि बंद कीजिए

अपने घर के दरवाजे 

नहीं तो आपके लड़के 

दूसरे के घर की इज्जत को 

बरगला देंगे, 

शर्मसार क्यों नहीं होते 

ऐसे बेगैरत लड़के के परिवार 

क्योंकि 

शायद पैसों की खनक 

इज्जत से ज्यादा प्यारी होती है 

आगे चाहे ये हो न हो 

पर लोग भागी लड़की 

के भविष्य का पता 

तय कर देते हैं, 

बदनाम गली 

और नाम 

चरित्रहीन 

पर कोई ये 

क्यों नहीं कह पाता कि 

इन अंधेरी बदनाम गली 

में कदम पड़ते हैं 

रोशनी में जगमगाते महलों 

के चरित्रवानों के, 

एक प्रश्न, 

क्यों नहीं सीखा पाता 

ये समाज पुरुषों को कुछ 

और क्यों उँगली नहीं उठा 

पाता उसी अधिकार से उन पर 

जितने अधिकार से वो लड़कियों पर 

प्रश्नचिन्ह लगा देता है!!!! 



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