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रिपुदमन झा "पिनाकी"

Tragedy Action Classics

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रिपुदमन झा "पिनाकी"

Tragedy Action Classics

मैं नहीं बेवफा

मैं नहीं बेवफा

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रहा जो बढ़ के अपनों से हुआ देखो पराया है

लगे मुझको कि जैसे मुझ से रूठा मेरा साया है।


इरादा बेवफाई का नहीं हरगिज़ रहा मेरा

हुई है भूल मैंने राज़ जो उससे छुपाया है।


नहीं मालूम उसको भी नहीं मालूम मुझको भी

किसी ने फायदा अच्छा भरोसे का उठाया है।


बहुत शातिर खिलाड़ी है चली है चाल वो उसने

हमारे दरमियां शक का ग़ज़ब सामां सजाया है।


बहुत मक्कार है मुझ पर दिया इल्ज़ाम है झूठा

किया बदनाम है सबकी निगाहों से गिराया है।


ख़ता है वक्त की शायद जो हम-दोनों में है दूरी

मिलाएगा हमें वो ही जुदा जिसने कराया है।


मुझे दिन याद है जब टूट कर बिखरा हुआ था मैं

उसी ने तो संभाला था बिखरने से बचाया है।


ग़लतफहमी अभी थोड़ी अभी है फासला थोड़ा

हक़ीक़त है कि उसका दिल भी मैंने ही जलाया है।


गिला रखता भी है कहता शिकायत है नहीं कोई

मगर सच है कि रिश्तों को भी शिद्दत से निभाया है।


सफाई बेगुनाही की करूं मैं पेश जितनी भी

अभी मुझसे ख़फ़ा है इसलिए सब झूठ पाया है।  


"पिनाकी' कर ज़रा कोशिश यकीं कायम दुबारा हो

भरोसा तोड़ कर तूने किसी का दिल दुखाया है।


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