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Dr. Chanchal Chauhan

Romance Classics Others

4.5  

Dr. Chanchal Chauhan

Romance Classics Others

प्रेम

प्रेम

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प्रेम,
सिर्फ शब्दों का खेल नहीं,
न ही वादों का भार।

यह तो आँखों में छिपी
एक अनकही कहानी है,
एक धड़कन जो दूसरी धड़कन को सुनती है।

तुम्हारी उदासी,
मेरे बिना कहे समझ जाना,
और मेरा दर्द,
तुम्हारी आँखों में दिख जाना।

हजारों बातें नहीं ज़रूरी,
बस एक मुस्कान काफी है,
जो दिल से दिल तक पहुँचती है।

प्रेम,
एक मौन समझ है,
बिना कुछ कहे,
सब कुछ जान लेना।

जैसे बारिश की बूँदें,
मिट्टी में समा जाती हैं,
वैसे ही तुम्हारी भावनाएँ,
मेरे भीतर उतर जाती हैं।

कोई ज़रूरत नहीं जताने की,
कोई बंधन नहीं दिखाने का,
बस एक दूसरे में खो जाना,
प्रेम है।

दूर रहकर भी पास होना,
खामोशी में भी बात करना,
यह प्रेम का ही तो रंग है,
जो हर पल गहरा होता है।

जैसे सूरज की किरणें,
पहाड़ों को छूती हैं,
वैसे ही तुम्हारी उपस्थिति,
मेरे जीवन को रोशन करती है।

यह प्रेम,
सिर्फ बातें नहीं,
बिना कहे,
एक दूसरे को समझने का,
अनमोल एहसास है।


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