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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Romance

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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Romance

महसूस तुझे जो हो

महसूस तुझे जो हो

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सन्देश मेरा पाकर सजन न करना बहाना तुम- 

मेरे बिखरने के पहले ही लौट के आना तुम..


दुनिया पे भरोसा न है एक तुझपे यक़ीन मेरा-

टूटे जो यक़ीन मेरा प्यार से मुझे मनाना तुम..


विरहा की अग्नि में जलती है ये विरहिन तेरी -

ख़ाक नज़र आऊँ पिया इतना न जलाना तुम..


बारिश के महीने में बूँदों के तीर घायल करते- 

इस बार का सावन संग मेरे प्रिये बिताना तुम..


बिन तेरे ओ पिया मेरे ये मौसम छेड़े -चिढ़ाए -

दूर-दूर रहकर मुझसे मुझको न सताना तुम..


मेरी मानो एक बार प्रिये इस बारिश में भीगो-

महसूस तुझे जो हो मुझे वो छू के बताना तुम..


जब रजनी कोई बीते एक-दूजे की बाहों में-

कैसे रहे तन्हा प्रिये मुझे सब समझाना तुम.




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