महसूस तुझे जो हो
महसूस तुझे जो हो
सन्देश मेरा पाकर सजन न करना बहाना तुम-
मेरे बिखरने के पहले ही लौट के आना तुम..
दुनिया पे भरोसा न है एक तुझपे यक़ीन मेरा-
टूटे जो यक़ीन मेरा प्यार से मुझे मनाना तुम..
विरहा की अग्नि में जलती है ये विरहिन तेरी -
ख़ाक नज़र आऊँ पिया इतना न जलाना तुम..
बारिश के महीने में बूँदों के तीर घायल करते-
इस बार का सावन संग मेरे प्रिये बिताना तुम..
बिन तेरे ओ पिया मेरे ये मौसम छेड़े -चिढ़ाए -
दूर-दूर रहकर मुझसे मुझको न सताना तुम..
मेरी मानो एक बार प्रिये इस बारिश में भीगो-
महसूस तुझे जो हो मुझे वो छू के बताना तुम..
जब रजनी कोई बीते एक-दूजे की बाहों में-
कैसे रहे तन्हा प्रिये मुझे सब समझाना तुम.

