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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Romance

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अनामिका वैश्य आईना Anamika Vaish Aina

Romance

मनमीत कह देते हैं

मनमीत कह देते हैं

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मेरे अल्फाजों को कभी ग़ज़ल कभी गीत कह देते हैं

हौले से आलिंगन कर मुझको वो मनमीत कह देते हैं..


हर पल सजाते हैं मेरे ख्वाबों को अपने एहसासों से

मेरे पूछने पर वो इसको मोहब्बत की रीत कह देते हैं..


बातों बातों में अक्सर चूम लेते हैं वो माँग मेरी सखी 

हया से सिहरने सिमटने को मेरे वो प्रीत कह देते हैं..


मुस्कुराकर सुनते हैं मेरी हर बात हर नाराजगी भी

शिकवे-शिकायतों को जीवन का संगीत कह देते हैं..


हरा कर मोहब्बत के दंगल में वो मुझको सताते हैं

क़ैद करके आगोश में मुझे अपनी जीत कह देते हैं।



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