【सुन रे पिया】
【सुन रे पिया】
सुन रे पिया! तेरे नाम की मेहंदी
सजाई मैंने अपने हाथों में।
बार बार निहारूँ खुद को,
तुझे ढूंढूं अपनी सांसों में।।
तेरे प्यार का खूब रंग चढ़ा है,
मैं रंग गयी ऐसी तेरे प्यार में।
कभी हथेली से मुहँ को ढक लूँ,
कभी खूब शरमाऊं पा दीदार मैं।।
नही रेत पे लिखा कोई प्यार मेरा,।
मेहंदी रंग रंगा लिख डाला हाथ पे।
क्या तू भी इतना ही इतराता है पिया
जितना मैं इतराउं तेरे प्यारे साथ पे।।
रंग तेरे प्यार का कुछ ऐसा चढ़ा,
मिटा पाऊँ न अब साबुन पानी से।
बस चौबीस घड़ी तेरे नाम की रटन,
मत पूछ हालेदिल इस प्रेम दीवानी से।।
ये प्रीत का दरिया नित गहरा होता,
खुद ब खुद भीतर ही डूबी जाती हूँ।
जितना सुलझाने की मैं कोशिश करती,
गाँठ प्रीत को और अधिक उलझती जाती।।

