गौ सेवा का प्रदर्शन
गौ सेवा का प्रदर्शन
आज सुबह से सैलाब उमड़ा है,
आस्था और गौ पूजा विधान का।
बाल्मीकि जयंती पे कुछ सन्देश देकर,
गौ माता के चरण धुला खूब सम्मान का।।
ढूंढ ढूंढ गले फूलों की माला पहनाए,
माथे तिलक करें कुमकुम रोली का।
सौ सौ बार चरण छू आशीर्वाद लेवें,
खूब आदर सत्कार होवे उस भोली का।।
दे दे आवाज घर आँगन पे आज बुला रहे,
कुछ जा पड़ोसी की गउशाला में दर्शन पाते।
कुछ शेष बचे हुए संस्कारों की रीत निभाते,
दे दो चार पेड़े उस निरीह को खूब लुभाते।।
आज जी भर सेवा टहल कर प्रदर्शन होगा,
कभी छप्पन भोग कभी फूलों की वर्षा बरसायेंगे।
कल फिर वही ढाँक के तीन पात होंगे,
जब फिर सड़क पर भूखी प्यासी मरने को छोड़ आएंगे।।