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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

दूरीयाँ

दूरीयाँ

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माना है तुमको, पाना है तुमको,

कभी तुम दूर न रहना।

दौड़ के आ जाओ दिल में मेरे,

दूरी मिटा जाना।..... 

प्यार तुम करती है मुझ को,

फिर क्यूं शरमाती हो? 

हटा दो नकाब चेहरे पर से,

चेहरा दिखा जाना।....

क्यूं रहती हो छुप छुप के तुम,

दुनिया से क्यूं डरती हो?

इंतजार करता हूँ तुम्हारा दिल से,

बांहों में आ जाना।.....

बहुत तरसाया है तुमने मुझ को,

अब क्यूं तड़पाती हो? 

घायल बना हूँ प्या रमें तुम्हारे, 

दिल में समा जाना।....

तुम हो मेरे ख्वाबों की मल्लिका,

क्यूं तुम सताती हो? 

"मुरली" प्यार की महफ़िल मेरी,

आकर सज़ा जाना।



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