STORYMIRROR

Sanket Potphode

Romance

4  

Sanket Potphode

Romance

दूरी

दूरी

1 min
531

आसमान में एक चाँद है तो

दूजा ज़मीन पर हमने पाया है,

तेरी ही एक सूरत है जो

जिसका ठिकाना हमने खोया है,


तेरे लिये ही ओ माहिया वे

इतने दूर मैं चला आया,

तेरे ही इस करवट पे

मैंने अपना ही मकाम पाया,


ओ मैं गली गली भटकता रहूँ

तेरी इक झलक के लिये,

चाहे कितना भी दर्द मैं सहूँ

ये दिल तेरी ही उम्मीद पे जिये


तेरे बिन हम रह ना सके

ये दूरी अब हम सह ना सके

अब क्या बताये ये हाल मेरा

तेरे संग जो जी ना सके


ये दिन मेरे अब गुजरते नहीं

ये शामें अब ना ढलती है

ये पलके अब जो खुली रही

फिर भी तेरे सपनों से ही मिलती है,


मैं चलता रहूँ, तू बिछड़ती रहें

ये खेल कभी न रुकता है,

मैं बुलाता रहूँ, तू दूर रहें

ये दिल हार के फिर झुकता हैं,


ओ मेरे खुदा मुझे अफसोस नहीं

के तेरा रहम मुझपे हो ना सका,

मेरी ज़मीन अब वो चाँद खोज रहीं

जिसको मेरा खुदा भी दे ना सका,


तेरे बिना हम रह ना सके,

ये दूरी अब हम सह ना सके

अब क्या बताये ये हाल मेरा

तेरे संग जो जी ना सके....


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance