दो पल की दोस्ती
दो पल की दोस्ती


दो पल की दोस्ती इनकी
जैसे कोई साबुन का झाग
पानी फेरने की इतनी जल्दी
तो बताओ कैसे निकलेंगे दाग।
दागों का तो कुछ नहीं
लोग कहते, दाग अच्छे होते हैं
पर दाग उन्हीं के अच्छे होते हैं
जिनके इरादे सच्चे होते हैं।
इरादों का भी कुछ नहीं
इरादे बदल भी जाते हैं
इरादे बदलना तो समझता हूँ
पर इनके तो लोग भी बदल जाते हैं।
लोगों का भी कुछ नहीं
आज के अपने कल के पराये है
अपनों का पराया होना समझता हूँ
पर काम हो तो
इनका पराया भी अपना होता है !