STORYMIRROR

Sanket Potphode

Drama

3  

Sanket Potphode

Drama

हर वक़्त हर लम्हा

हर वक़्त हर लम्हा

1 min
242

हर वक़्त हर लम्हा बस

एक ही ख्याल आता है

यह क्या है हमारे बीच

बस यही सवाल आता है


बातें कभीकभार होती है

पहले रुकती नहीं थी जो

मुलाकातें तो दूर ही रहीं

हमेशा हसीन होती थी वो


क्यों ऐसा अक़्सर होता हैं

हम पास तो आ जाते हैं

मगर पता नहीं कैसे क्यों

दूर भी हो ही जाते हैं


खुद से वाकिफ़ होकर

फिर संभल जाता ही हूँ मैं

जवाब मिलते ही अक्सर क्यों

सवाल ही भूल जाता हूँ मैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama