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Antariksha Saha

Romance Tragedy Fantasy

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Antariksha Saha

Romance Tragedy Fantasy

दस्तक

दस्तक

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यह दस्तकें जो तू दे रही है

उसके दिल की आवाज़ क्या सुन्न हो रही है


यह आहट जो तू दे रही है

कोई सुन भी रहा है क्या

कोई उस छोर तेरा इंतजार कर रहा है क्या कोई


क्या यह कल की बात है

या सदियों पुरानी

क्यों किसी और के लिए

खुद को दोष देती है


तू उस धूल भरी किताब के पन्नों में

कैद हो रही है

कितना भी भाग तू कैद हो रही है

उन यादों में


क्या दस्तक दे रही है जिंदगी

तूने सुनना बंद कर दिया है

क्या उल्फत है तेरी

क्यों बांधे हुए है यह डोरी

जो उसे रोक ना सकी


क्या बोलूं तुझे

आयेगा वो दिन जब उनको भी महसूस होगा

क्या खोया उसने

तब तू चैन से सोना



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