दर्द
दर्द
एक अजीब सी चुप्पी साध,
समंदर तूफान का इशारा दे गया।
वह लब से कुछ न कह पाया पर
अपनी आँखों से कह गया।
तू किसी और को चुनकर,
अपने साथ मेरी रूह भी ले गया।
देख ले ओ-दिलबर !
मैं बिन तेरे, जिंदा लाश बनकर रह गया।
एक अजीब सी चुप्पी साध,
समंदर तूफान का इशारा दे गया।
वह लब से कुछ न कह पाया पर
अपनी आँखों से कह गया।
तू किसी और को चुनकर,
अपने साथ मेरी रूह भी ले गया।
देख ले ओ-दिलबर !
मैं बिन तेरे, जिंदा लाश बनकर रह गया।