दर्द
दर्द


अरे तुम क्या जानो दर्द क्या होता है,
किसी की याद में रात भर जागना क्या होता है,
फूलों को छोड़ कांटों को गले लगाना क्या होता है,
आंखों में आंसू ले कर होठों से मुस्कुराना क्या होता है,
अरमानों का कांच की तरह बिखरना क्या होता है,
खुद को भूल किसी की खैर की दुआ करना क्या होता है,
किसी को संवारने के लिए खुद तबाह होना क्या होता है,
भरी बरसात में रोना क्या होता है,
जिसको देख कर जीते थे उसके बिना जीना क्या होता है,
जिस काजल को आंखों में सजाया उसका बह जाना क्या होता है,
जो एहसास होठों से बयान ना हो सका उसका दर्द क्या होता है,
राह
ों पर तन्हा चलना क्या होता है,
किसी को रोज़ सुबह की दुआ में मांगना क्या होता है,
किसी को उम्र भर ना भुला पाना क्या होता है,
बे नाम रिश्ते का बदनाम होना क्या होता है,
दो किनारों का बिछड़ना क्या होता है,
पास हो कर भी काफी दूर होना क्या होता है,
हँस हँस कर ज़हर के घूट पीना क्या होता है,
एक तरफा इश्क़ का मुक्कमल ना होना क्या होता है,
पीर पराई लगाना क्या होता है,
हालात के आगे बेबस होना क्या होता है,
भरी सी मुठ्ठी का खाली होना क्या होता है,
काली रात में चांद का होना क्या होता है,
आखिर तुम क्या जानो दर्द क्या होता है......