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Dr J P Baghel

Tragedy

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Dr J P Baghel

Tragedy

दोहे सुल्तानी -२

दोहे सुल्तानी -२

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अन्नाजी में आ गई, फिर थोड़ी-सी जान,

क्या अनशन को भी भला, सुन लेगा सुल्तान ?१


नजरबंद होगा उसी, सूबे का परधान,

मुखिया जिसकी पुलिस का, खुद ही हो सुल्तान ।२


सिख किसान‌ के साथ में, जोड़ा खालिस्तान,

मगर, किसानों ने कहा, झूठा है सुल्तान ।३


लोगे भारत बंद का, कब तक तुम संज्ञान,

आंख कान तुम कब कहो, खोलोगे सुल्तान ?४


बता रहे हो तुम जिसे, कृषकों को वरदान,

कृषकों को यह झूठ भी, पचा नहीं सुल्तान ।५


धमकीबाजों को मिला, खुला अभय का दान,

जनता ने गद्दी तुम्हें, जब से दी सुल्तान ।६


जिन्हें मान कमजोर तुम, बनते हो बलवान,

वही झुकाएंगे तुम्हें, घुटनों पर सुल्तान ।७


जिन्हें मांगने को कभी, आए नहीं किसान,

तुमने वे कानून क्यों, थोप दिए सुल्तान ?८


सत्य तुम्हारी बात को, क्यों कोई ले मान,

जब झूठा साबित हुआ, हर वादा सुल्तान ?९


फूट, कूट की नींति पर, तुमको है अभिमान,

क्या तुम ही इस बार भी, जीतोगे सुल्तान ?१०

 



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