दिलों में दूरियाँ रह न जायें!
दिलों में दूरियाँ रह न जायें!
निकलता है रोज सूरज,
ये बताने के लिये..!
कि उजाले बांट देने से
उजाले कम नहीं होते !
ये मत पूछना कि ज़िंदगी
ख़ुशी कब देती है,
क्योंकि शिकायतें उन्हें भी है,
जिन्हें ज़िंदगी सब कुछ देती है !
जिस तरह कामयाबी बड़ी नहीं होती,
उसे पाने वाला बड़ा होता है।
उसी तरह रिश्ते कभी बड़े नहीं होते,
उसे निभाने वाला बड़ा होता है।।
नीचे झुककर किसी को ऊपर उठा लो,
इससे अच्छा व्यायाम दिल के लिए कोई नहीं होता।
दिलों में दरार कितनी भी बड़ी हो,
सबसे बड़ा तो सदैव उसे भरने वाला ही होगा।।
घूम लीजिए सारा जहान,
सच्चाई और अच्छाई की तलाश में।
अगर वो आपके अन्दर नहीं है,
तो दुनिया में कहीं भी नहीं है।।
दिलों में दूरियाँ अब रह न जायें,
आओ सब मिल एक ऐसा जहाँ बनाएं।
प्या रभरी बातों, मुलाकातों और,
अपनेपन की खुशबूओं से महकाएं।।