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MS Mughal

Romance Classics Fantasy

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MS Mughal

Romance Classics Fantasy

दिलकश नज़रों पे मुस्कुराना दिल

दिलकश नज़रों पे मुस्कुराना दिल

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दिलकश नज़रों पे मुस्कुराना दिल का 

दिल लुभा के हाए यूं चुराना दिल का 

 

आंखे मिला के तेरा यूं चुराना दिल का 

ख़ूब आता है तुम्हें लुभाना दिल का 


आ गया अब मौसम सुहाना दिल का 

शुरू हुआ फंदे में दिल फँसाना दिल का 


मुद्दतों से हैं हाए गुमशुदा ये दिल मेरा 

मुद्दतों से हैं हाए बे ठिकाना दिल का 


एक के बाद एक गुल को चूम रहा हूं 

गुलिस्तां से जो हुआ गुज़रना दिल का 


आ गया वो चांद शब ए तन्हाई में तन्हा 

लुटाता जा रहा हूं मैं खज़ाना दिल का ا 


जब से देखा हूं तुझ जान ए जानाँ को 

तब से देख रहा हूं यूं इतराना दिल का 


हर तरफ़ हो रहा है तेरे हुस्न का चर्चा

हर तरफ़ छा गया ज़माना दिल का 


पेश करता हूं अपना सब कुछ तुझे 

पेश करता हूं तुझे नज़राना दिल का 


तेरे संग ए दर से जो कर ली निबाह मैने 

तेरे संग ए दर पे है आना जाना दिल का 


उस दिल रुबा पे आ गया है दिल 'हसन'

देख कर उसे वाह वाह कहना दिल का।


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