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Shweta Mangal

Romance

4.6  

Shweta Mangal

Romance

दिल

दिल

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240


जिंदगी में प्यार किया था

तुम्हीं से

जिंदगी में अपना माना था

तुम्हीं को।


पर शायद आया न पसंद

तुम्हीं को

रब को तो होता है

गुमान सब

फिर क्यों धड़काया उसने हमारा दिल

तुम्हारे लिए।


फिर क्यों दिखाए सपने उसने

तुम्हारे लिए

क्या नहीं धड़कता दिल तुम्हारा

हमारे लिए।


तुम क्यों रहते हो अजनबी से

हम से

गर नहीं है चाहत तुम्हारे दिल में

हमारे लिए।


तो कर दो यह जाहिर

हम पर

पर खुदा के लिए न तड़पाओ

हमें इस कदर

कुछ तो करो ख्याल दिल का

हमारे भी।


दिल धड़कता है, टूटता है

रोता है, हँसता है

 हमारा भी

न ढाओ सितम तुम दिल पर

हमारे ही।


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