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Shweta Mangal

Abstract

5.0  

Shweta Mangal

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तुम्हारी अदायें

तुम्हारी अदायें

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ये कनखियों से देखना

तुम्हारा

ये बार बार मुस्कुराना

तुम्हारा


ये रुठना तुम्हारा

और खुद ही मान जाना

तुम्हारा

कर देता है दीवाना


किसी को

कुछ तो ख्याल करो

उस के

मासूम दिल का

न जलाओ किसी को


इस तरह

बस करो अपनी

ये अदायें

किसी को

मार डालेंगी ये।


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