दिल
दिल
चुभ गया जो काँटा दिल में निकल ना सका
लाख चाहा मैंने मौसम मगर बदल ना सका
सैकड़ों बार गिरा, गिर कर फिर उठा था मै
अबके दिल टूटा है यारों मै संभल ना सका...
चुभ गया जो काँटा दिल में निकल ना सका
लाख चाहा मैंने मौसम मगर बदल ना सका
सैकड़ों बार गिरा, गिर कर फिर उठा था मै
अबके दिल टूटा है यारों मै संभल ना सका...