Kirti Prakash
Tragedy
जब हर सच मेरी ज़ुबान पे था
उसको यक़ीन ना आया
अब सोचती हूँ बोल दूँ
एक झूठ लाजवाब कोई
प्यार में तेरे मैंने नींद गवाँयी थी
बिछड़ के तुझसे फिर मै चैन से सोयी...
लव यू पापा
बन जाओ इंसान
दर्द शायरी है
झूठ लाजवाब
सखी साजन
दिल
वक़्त की तहरी...
ख़ुदा
दुआ मेरी
दर्द
भड़काऊ भाषण भंगिमा सेनाध्यक्ष ने भी अपना लिया, हमें तो लगने लगा अपने गौरव को राजनी... भड़काऊ भाषण भंगिमा सेनाध्यक्ष ने भी अपना लिया, हमें तो लगने लगा अप...
लुट जाते है घर बैठे लोग खो जाते हैं बच्चे रोज। बरसती है गोलियाँ टूट जाते हैं मंगल सूत्र रो... लुट जाते है घर बैठे लोग खो जाते हैं बच्चे रोज। बरसती है गोलियाँ टूट जा...
ज़ोर नहीं चल रहा है, आदतों पे आदमी का। बाँधने की घोर कोशिश और उलझता आदमी। ज़ोर नहीं चल रहा है, आदतों पे आदमी का। बाँधने की घोर कोशिश और उलझता आदम...
क्या बम फोड़ता? तुझसे छुड़ाता क्या दामन बोल के झूठ तुझे अपने से दूर करता क्या क्या बम फोड़ता? तुझसे छुड़ाता क्या दामन बोल के झूठ तुझे अपने से दूर करता क्या
सर पर जिम्मेदारी है, सबकी भूख मिटानी है नंगे पाँव दौड़ कर, कुछ तो ख़ुशियाँ लानी है सर पर जिम्मेदारी है, सबकी भूख मिटानी है नंगे पाँव दौड़ कर, कुछ तो ख़ुशियाँ ला...
तुम्हारे लिए रोज एक दीया जलाता हूँ की कहीं तुम आ कर लौट न जाओ तुम्हारे लिए रोज एक दीया जलाता हूँ की कहीं तुम आ कर लौट न जाओ
हर दर्द सह कर माँ बाप पालते हैं बच्चों को, उनकी हर ख़्वाहिश का ख्याल रखते हैं ख़ुद के बारे में सोचे ब... हर दर्द सह कर माँ बाप पालते हैं बच्चों को, उनकी हर ख़्वाहिश का ख्याल रखते हैं ख़ु...
ये कैसा इंसान है स्वार्थ सिद्ध करने में लगा रहता है ,अपने पैर जमाकर दूसरों के पैर खींचने में लगा रहत... ये कैसा इंसान है स्वार्थ सिद्ध करने में लगा रहता है ,अपने पैर जमाकर दूसरों के पै...
बेचारी औरत सारी उम्र रह जाती है तरसती एक पुरुष को। बेचारी औरत सारी उम्र रह जाती है तरसती एक पुरुष को।
मैं सुसाइड के पक्ष में नहीं हूँ, उसका समर्थन भी नहीं करता हूँ, जब हालात बद से बद... मैं सुसाइड के पक्ष में नहीं हूँ, उसका समर्थन भी नहीं करता हूँ, ज...
सपना था मेरा भी पढ़-लिखकर लक्ष्य को प्राप्त करने का। परंतु वह सपना, सपना ही रह गया, और मुझे बनना... सपना था मेरा भी पढ़-लिखकर लक्ष्य को प्राप्त करने का। परंतु वह सपना, सपना ही ...
जातिवादिता आज फिर एक बार मासूम को निगल गयी। जातिवादिता आज फिर एक बार मासूम को निगल गयी।
बड़ी बड़ी ख़ुशियाँ जिंदगी में बहुत कम हो सकती हैं, हर रोज़ की छोटी छोटी ख़ुशियाँ बहुत मायने रखती है... बड़ी बड़ी ख़ुशियाँ जिंदगी में बहुत कम हो सकती हैं, हर रोज़ की छोटी छोटी ख़ुशिया...
हर पल देखा था तुझको तो आँखों मे खुद को छोड़ गया तू हर पल सुनती थी तुझे तो कानों में... हर पल देखा था तुझको तो आँखों मे खुद को छोड़ गया तू हर पल सुनती थी तु...
ज़हन में हर लम्हा खटकती रहती थी ये बात के मेरे न रहने पर, तेरा ख्याल कौन रखेगा तुझे कौन... ज़हन में हर लम्हा खटकती रहती थी ये बात के मेरे न रहने पर, तेरा ख्याल क...
माँ देती हूँ मैं श्राप हर माँ को कि हो जाये हर कोख बाँझ और हो जाये हर पुरुष नपुंसक माँ देती हूँ मैं श्राप हर माँ को कि हो जाये हर कोख बाँझ और हो जाये हर पुरुष नपुं...
सड़क किनारे दिख ही जातें हैं अपनी ज़िन्दगी को धागे से सीते फटेहाल सड़क किनारे दिख ही जातें हैं अपनी ज़िन्दगी को धागे से सीते फटेहाल
भाई की कलाई में धागा बांधकर तुम उसकी रक्षा की मन्नत मानती हो, ऐसी कई मन्नतों के बदले में ... भाई की कलाई में धागा बांधकर तुम उसकी रक्षा की मन्नत मानती हो, ऐसी कई मन्न...
ये यादें भी बादलों की तरह होती है मन में उमड़ती है और पहाड़ों से टकरा कर आँसू बन बह जाती है ये यादें भी बादलों की तरह होती है मन में उमड़ती है और पहाड़ों से टकरा कर आँसू बन ब...
बाज़ आये ऐसी मोहब्बत से अच्छे थे हम इसके बिना ही ! बाज़ आये ऐसी मोहब्बत से अच्छे थे हम इसके बिना ही !