दिल पर तारी, प्रेम-खुमारी
दिल पर तारी, प्रेम-खुमारी
जिसके आगे है दुनिया हारी,
सारे आशिकों की है जिसने मारी,
वो है दिल पर तारी, प्रेम-खुमारी।
बला एक है, पर है सब पे भारी,
जो फसाद की जड़ है सारी,
वो है दिल पर तारी, प्रेम-खुमारी।
आशिकों की भी जंग है जारी,
आयेगी इनकी भी जीतने की बारी,
वो है दिल पर तारी, प्रेम-खुमारी।।
