लक्ष्मण की श्री राम से आज्ञा
लक्ष्मण की श्री राम से आज्ञा
क्रोधाग्नि देख मेरी आज
धरती-अम्बर कांपेगा
मेघनाद तो क्या आज
गिरवान में रावण भी अपनी झांकेगा।।
हैं कौन शूरवीर जो सामने खड़ा हो
जब ये शेषनाग फुंकारेगा
कैसे तीर-तुनीर मेरे आग बरसाते
आज सारा जमाना देखेगा।।
कोहराम मचेगा रण में ऐसा
मांस सियार-गीदड़ भी नौचेगा
रणचंडी की प्यास बुझेगी
तांडव काल भी करता नाचेगा।।
अरिदल का एक-एक शत्रु
अपने बुरे समय को कौसेगा
किस घड़ी में साम
ना हुआ था
ऐसा पराक्रम लक्ष्मण का जमाना देखेगा।।
माया-छाया सफल न होगी
वो नारायणस्त्र भी छोड़ेगा
तैयार हूं मैं आज अंतर्मन से
वैरी दल का हर शत्रु मृत्यु की शैय्या लौटेगा।।
शक्ति-संधान चाहे कैसा करे वो
सफल न आज हो पायेगा
सौगंध है मुझे आपके चरण की
लक्ष्मण आज विजयी होकर लौटेगा।।
आज्ञा देना अंतिम भैया
लक्ष्मण हारेगा या जीतेगा
मार दूंगा या मर जाऊंगा
लेकिन, जग एक को मरा आज देखेगा।।