STORYMIRROR

दिल में मक़ाम करते हो तुम

दिल में मक़ाम करते हो तुम

1 min
440


मुझे 

ख्यालो में भी 

ख्याल 

करते हो तुम, 

अपने सपनो में भी 

बदनाम 

करते हो तुम, 

ये इश्क़ हैं, 

या आरजू, 

खाली फोकट में 

परेशान करते हो तुम, 

नींद 

बनके आँखों में 

रोज 

शाम करते हो तुम, 

की मोहब्बत भरके 

दिल में मकाम करते हो तुम,


कुछ 

समझ ही नहीं आता, 

ये सफर है कैसा 

हमसफ़र बनके भी

किस्से तमाम करते हो तुम, 

कहते हो 

मुझे मेहबूब 

फिर भी कत्लेआम करते हो तुम,


थका, हारा, परेशान 

करके मुझको, 

खुद आराम करते हो तुम, 

लगा मुझे की 

सच में 

इश्क़ हैं तुम्हे मुझसे, 

कहा पता था की 

ये नाटक सरेआम करते हो तुम !

  



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance