दिल की उड़ान
दिल की उड़ान
वो खुले आसमान से आवाज़ एक उठती है
उड़ जाऊँ इन बादलों में हवा मुझसे कहती है
सपनों के पंख लगाए एक एहसास छू जाता है
अंजानी सोच का आईना दे कर खो जाता है।
कुछ फलसफों से अब रूबरू हो गयी मैं
एक नए जहान से वाकिफ हो गयी मैं
सोच की गहराइयाँ मोती सौंप जाती है
उन सिमटे एहसाओं को तैरना सीखा जाती है।
कुछ ख्वाहिशें उड़ने की ज़िद ठान लेती है
बंद किताब के पन्नों को पलटना चाहती है
सौगातें लिए पंछी संग उड़ना चाहती है
उन्मुक्त गगन को पाना चाहती है।
जाने कितने रंग लफ्ज़ों में बयान कराती है
कितने अनछुए एहसास आँखों से झलकती है
दिल में छुपी यह दुनिया हर पल खूबसूरत हो
ख्वाहिशों से भरी यह छोटी सी दुनिया,
हर शख्स में शामिल होती है।