दिल की खता
दिल की खता
इस दिल की खता है क्या
ये किसी का हुआ है क्या
हमने कब कहा कि तुम बिन ना जी पाएँगे
हमें मजनू की तरह समझ रखा है क्या
खैर तुम्हारे जाने से इधर उधऱ होती है सासे
तुमने मुड़ के खभी हमारा रास्ता तका है क्या
इश्क़ की क्या बात करते रहते हो
तुमने किसी से इज़्हार किया है क्या
यूँही बेसबब उनकी तारीफ़ करना अच्छा नही मियां
दिल हारे हुए वाले ने व्यक्ति ने खभी सच बोला है क्या
क्यों गिला करे किसी से अभिषेक
किसी ने अपना समझा है क्या।

