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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

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Dhanjibhai gadhiya "murali"

Romance Tragedy

दिल की आवाज़

दिल की आवाज़

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जब से तुझ को देखा है,

मेरी निंद उड़ गई है,

तेरे आने की आहट से,

गलियाँ भी चमक रही है।

तिरछी नज़र है तेरी,

मुझे घायल बना रही है,

नटखट अदायें तेरी,

मेरा चैन चूरा रही है।

तेरे बिना ये जिंदगी,

वीराना लग रही है,

तुझे पाने के लिये मेरी,

तड़प बढ़ी जा रही है।

तुझे देखने के लिये,

अँखिया तरस रही है,

तू नहीं तो बसंत भी,

पतझड़ लग रही है।

अब न सताओ ज़ानेमन,

प्यास मिलन की बढ़ी है,

"मुरली" दिल के भीतर,

बेचैनी बहुत हो रही है।



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