My words

Romance

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दीदार

दीदार

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201


मिला है सुकून जो सुन तेरी बातों को,

जो होती नजर चार...तो बात कुछ और होती!

देखते हैं ख्वाब रात दिन बस तेरे,

जो होता तेरा दीदार...तो बात कुछ और होती!!

जो मिले तुझ से, वह इनामत है मेरी

तू है साथ यही इबादत है मेरी!

ना देखा खुदा...तो कोई बात नहीं,

तेरी मोहब्बत खुदा की रहमत से कम तो नहीं!!


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