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AMAN SINHA

Drama Action Inspirational

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AMAN SINHA

Drama Action Inspirational

धूप-छाँव सी जिंदगी

धूप-छाँव सी जिंदगी

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धूप-छाँव सी ज़िंदगी, हर घड़ी रंग बदलती है 

बेरंग सी लगी अभी, अभी रंग सी ढलती है 


कभी सुना सा जीवन लागे, कभी खुशियों का संसार 

कभी अपनों के साथ को तरसे, कभी मिले गैरों का प्यार 


तुमने जैसा सोच रखा हो, ये बिलकुल उसकी उल्टी जाए 

अपना है कौन कौन पराया, जीवन सब दिखलाता जाए


जो भी तपता इस भट्टी में, ताप कर वो कुन्दन बन जाता 

झेल कर इसकी मार खुद पर, पत्थर भी हीरा बन जाता 


हाथ पकड़ कर तुम्हें  हमेशा राह नयी दिखाती है 

छोड़ भीड़ में साथ तुम्हारा, घर लौटना सिखलाती है 


जिसने जीतने खाये ठोकर, वो उतना ही चट्टान बना 

सह कर दर्द-दु:ख जीवन का, आखिरकार इंसान बना 


इससे बड़ा न शिक्षक कोई, ये सारे पाठ पढ़ाता है 

चलना, रुकना, गिरना उठना यही हमको सिखलाता है 


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