STORYMIRROR

Gagandeep Singh Bharara

Romance

3  

Gagandeep Singh Bharara

Romance

धूमिल

धूमिल

1 min
160

 

धूमिल तेरे प्यार में, इस तरह मैं हुआ,

फूलों से जैसे, खुशबु का मिलना हुआ,


मिल कर नदी में, बहता सा मैं गया,

इक तेरे अक्स को, चाहता मैं गया,


यूँ लेकर तेरा नाम, मैं मदहोश हो गया,

इक तेरे सिवा, कुछ सोचा ना गया,


सपनों में अब, बस तुमसे ही मिला,

बादलों सा मैं, आसमाँ से जा मिला,


धूमिल तेरे प्यार में, इस तरह मैं रहा,

ज़िन्दगी थी मेरी, पर इख्तियार ना रहा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance