धर्मगुरुओं को समर्पित
धर्मगुरुओं को समर्पित
यूँ तो कुछ नही अपना यहाँ
समेटना चाहता वो सारा जहाँ,
सब मोह-माया भ्रमजाल है
उसके पास आलिशान घर
और महंगी मोटरकार है।
यूँ तो कुछ नही अपना यहाँ
समेटना चाहता वो सारा जहाँ,
सब मोह-माया भ्रमजाल है
उसके पास आलिशान घर
और महंगी मोटरकार है।